/> swaasthya: January 2012

Sunday 22 January 2012

मधुमेह

मधुमेह
डाइबीटीज अर्थात मधुमेह का अर्थ है कि आपके रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा बहुत अधिक है। शरीर को ऊर्जा के लिए शर्करा की जरूरत होती है इसलिए रक्त में हमेशा कुछ शर्करा रहती है। परंतु रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज / शर्करा  भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
मधुमेह रोग कैसे होता है ?
ग्लूकोज / शर्करा खाना खाने के उपरांत उसके पाचन से प्राप्त होता है और यकृत / जिगर (Liver) एवं मांसपेशियों (Muscle) में भी बनता है। शरीर की सभी कोशिकाओं को ग्लूकोज रक्त द्वारा पहुंचाया जाता है। इंसुलिन (Insulin) एक रसायन है, जिसे एक हार्मोन भी कहा जाता है, का उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) करता है। अग्न्याशय रक्त में इंसुलिन को सीमित मात्रा में आवश्यकता के अनुसार छोड़ता रहता है। इंसुलिन भोजन में से ग्लूकोज को निकालर शरीर की कोशिकाओं में भेजने में मदद करता है और रक्त में से ग्लूकोज को प्रयोग करता रहता है, इस प्रकार वह रक्त में शर्करा की मात्रा के ऊपर नियंत्रण रखता है। यदि शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है या यदि इंसुलिन सामान्य तरह से कार्य नहीं करता, तो रक्त में जो ग्लूकोज है वह शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुँच सकता, अर्थात रक्त में से ग्लूकोज की मात्रा का उपयोग नहीं होगा और वह मात्रा बढ़ती रहेगी। रक्त में शर्करा का स्तर बहुत अधिक हो जाने पर शक्कर मूत्र में भी पाई जाती है ऐसी स्थिति को मधुमेह कहते हैं।

प्रायः मधुमेह / मधुमेह की पूर्वावस्था (Pre Diabetes) क्या है?
मधुमेह की पूर्वस्थिति एक स्थिति है जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन मधुमेह के निदान के लिए पर्याप्त नहीं है। मधुमेह की पूर्वस्थिति के रोगियों को टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (स्ट्रोक) का जोखिम होता है। मधुमेह की पूर्वस्थिति में आप मधुमेह होने का खतरा घटा सकते हैं। थोड़ा वजन घटाने और हल्की शारीरिक गतिविधि के साथ, टाइप 2 मधुमेह की गति को धीमा किया जा सकता है, रोका जा सकता है यहां तक ​​कि सामान्य ग्लूकोज का स्तर भी लौट सकता है।

मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
मधुमेह के लक्षण हैं
बहुत प्यास लगना
अधिक बार और अधिक मात्रा में पेशाब आना
बहुत भूख लगना या थकान महसूस करना
बिना कारण वजन घटना
घावों को भरने में अधिक समय लगना
सूखी, त्वचा में खुजली होना
हाथ-पैरों में झुनझुनी अथवा सुन्न पड़ना
दृष्टि धुंधली होना

रोगी को एक या एक से अधिक लक्षण हो सकते हैं और किसी रोगी में एक भी लक्षण नहीं पाया जा सकता। रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण ही मधुमेह के निदान का एकमात्र सही तरीका है।

आप को किस प्रकार का मधुमेह है?

  मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है। टाइप 1, 2 प्रकार और गर्भावस्था में  मधुमेह ये तीन मुख्य प्रकार हैं।

टाइप 1 मधुमेह - किशोरावस्था मधुमेह या इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह कहा जाता है, सामान्यतया यह बाल- अवस्था, किशोरों, या युवा वयस्कों में पाया जाता है। मधुमेह के इस प्रकार में, अग्न्याशय का बीटा (beta cells of islets of langerhans in pancreas) कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन बनाने की क्षमता समाप्त हो जाती है क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला हुआ और वे नष्ट हो गईं। टाइप 1 मधुमेह के लिए उपचार में सुई द्वारा इंसुलिन और उसके साथ संभवतः अन्य इंजेक्शन दवा, बुद्धिमता से खाने में परिवर्तन, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, नियंत्रित रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण।
टाइप 2 मधुमेह - पूर्व में वयस्क - शुरुआत मधुमेह या noninsulin निर्भर मधुमेह कहा जाता था, मधुमेह का सबसे आम रूप है। टाइप 2 मधुमेह किसी भी उम्र में लग सकता है। मधुमेह के यह रूप आमतौर पर इंसुलिन प्रतिरोध के साथ शुरू होता है, जिसमें चर्बी, मांसपेशियां, और जिगर की कोशिकाएं ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाते। सबसे पहले, अग्न्याशय अधिक इंसुलिन के उत्पादन से इंसुलिन की मांग पूरी करता है, समय के साथ भोजन की मांग के जवाब में पर्याप्त इंसुलिन उत्पादन करने की क्षमता खो देता है। अधिक वजन और निष्क्रिय शरीर होने के नाते टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना ज्यादा होती है। उपचार में, मधुमेह की दवा का उपयोग, बुद्धिमता से खाने में परिवर्तन, शारीरिक सक्रियता, नियंत्रित रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं।

कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के बाद के चरणों के दौरान gestational मधुमेह (GDM) का रोग लग जाता है। हालांकि मधुमेह का यह प्रकार आमतौर पर प्रसव के बाद चला जाता है, फिर भी जिस महिला को यह रोग लगा है उसे बाद के जीवन में टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रकार का मधुमेह गर्भावस्था के हार्मोन या इंसुलिन की कमी के कारण होता है.

मधुमेह का निदान कैसे करें ?
उपवास के उपरांत रक्त का परीक्षण ही मधुमेह के निदान के लिए उत्तम परीक्षण है। सुबह किया गया परीक्षण सबसे विश्वसनीय माना गया है। हालांकि, मधुमेह के निदान के निम्नलिखित परीक्षणों के परिणाम के किसी भी एक आधार पर किया जा सकता है, एक अलग दिन पर दोबारा परीक्षण से पुष्टि आवश्यक है :
घंटे के उपवास के बाद रक्त में गलूकोज का स्तर १२६ मिली ग्राम (mg%) या उससे अधिक हो। यह परीक्षण उपवास अवस्था का ग्लूकोज परीक्षण (Fasting blood glucose) कहलाता है।
७५ ग्राम ग्लूकोज पानी में मिलाकर पीने के घंटे बाद रक्त में ग्लूकोज का स्तर २०० मिग्रा (mg%) यह परीक्षण मौखिक शर्करा सहिष्णुता परीक्षण (OGTT) कहलाता है।
दिन में किसी भी समय किए गए परीक्षण में रक्त में २०० मिग्रा (mg%) या उससे अधिक ग्लूकोज की मात्र और मधुमेह के अन्य लक्षणों की उपस्थिति।  


गर्भावधि मधुमेह (GDM) - रक्त में ग्लूकोज O.G.T.T. द्वारा मापे हुए स्तर के आधार पर निदान किया जाता है। ग्लूकोज का स्तर सामान्य रूप से गर्भावस्था के दौरान कम ही पाया जाता है, इसलिए मधुमेह के निदान के लिए गर्भावस्था में कम स्तर को मानक मान लिया गया है। एक गर्भवती महिला को ग्लूकोज पानी में घोल कर पिलाया जाने से पहले रक्त का परीक्षण होता है और फिर , और घंटों के उपरांत। यदि इस महिला का ग्लूकोज स्तर दो बार सामान्य से अधिक निकले या निम्नलिखित संख्या के किसी भी अधिक स्तर पर है, वह महिला गर्भावस्था मधुमेह से पीड़ित है: उपवास के उपरांत ग्लूकोज ९५ mg%, घंटे के बाद १८० mg%, घंटों के बाद स्तर १५५ mg%, या घंटों के बाद १४० mg%


प्रायः मधुमेह (Pre Diabetes) की अवस्था क्या है?
प्रायः मधुमेह में लोगों के रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक हो लेकिन मधुमेह के निदान के लिए उच्च पर्याप्त हो। ऐसी अवस्था में Type 2 मधुमेह, हृदय रोग और आघात / लकवा के उभरने की संभावना अधिक होती है।
मधुमेह की पूर्वावस्था को उपवास ग्लूकोज (Impaired Fasting Glucose) या बिगड़ा ग्लूकोज सहनशीलता (Impaired Glucose Tolerance) रक्त परीक्षण के तरीके के आधार पर माना जाता है। कुछ लोग दोनों IFG और IGT होते हैं।
• IFG ऐसी दशा है जब रक्त में शक्कर का स्तर पूरी रात के उपवास के बाद अधिक (१०० १२५ मिलीग्राम % के मध्य) होता है, लेकिन इतना अधिक नहीं कि उसे मधुमेह में वर्गीकृत किया जा सके।
• IGT ऐसी दशा है जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर O.G.T.T. से घंटे के बाद १४० से १९९ मिग्रा % के मध्य होता है, लेकिन मधुमेह में वर्गीकृत किया जाने के लिए पर्याप्त नहीं।

Pre-diabetes / प्रायः मधुमेह की अवस्था में यदि मधुमेह को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए, तो 10 साल के समय में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना है। प्रायः मधुमेह वाले लोगों को मधुमेह को रोकने अथवा मधुमेह को देरी तक उभरने देने के लिए उपाय करने का बहुत समय मिलता है। शोध से यह स्पष्ट रूप से देखा गया है कि लोगों को आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से अपने शरीर के वजन के से प्रतिशत घटाने से मधुमेह के प्रकट होने के जोखिम को कम कर सकते हैं।

मधुमेह की ABC जानिए 
 
अपने चिकित्सक से अपने A1C, रक्तचाप एवं कोलेस्टेरोल पर नियंत्रण की जानकारी लीजिये। इससे आपको दिल का दौरा पड़ने, आघात / लकवा (Stroke) या मधुमेह की अन्य गंभीर समस्याएँ कम करने में सहायता मिल सकती है। 

A अर्थात A1C परीक्षण (A - one - C) - इस परीक्षण से पता चलता है की पिछले तीन महीनों में आपका रक्त ग्लूकोज नियंत्रित रहा या नहीं। अधिंकाश व्यक्तियों के लिए A1C लक्ष्य से कम वांछित है। 
उच्च ग्लूकोज स्तर आपके दिल एवं रक्त धमनियों, गुर्दों, पैरों और आँखों को हानि पहुंचा सकता है। 


B अर्थात रक्तचाप - मधुमेह के रोगियों का रक्तचाप अधिकांशतः १३० / ८० से अधिक नहीं होना चाहिए। 


C अर्थात कोलेस्ट्रॉल - अधिकांश रोगियों के लिए LDL का लक्ष्य १०० से कम है और HDL का लक्ष्य ४० से अधिक है। LDL या "दोषी" कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा हो कर उन्हें अवरुद्ध कर सकता है। इससे दिल का दौरा या आघात पड़ सकता है। HDL या "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल आपकी रक्त धमनियों में से कोलेस्ट्रॉल हटाने में मदद करता है। 


क्या आपको Type 2 मधुमेह होने का जोखिम है ??
  • मेरे वजन के कारण मुझे मधुमेह का खतरा है 
  • मेरी आयु ४० वर्ष से अधिक है 
  • मेरे माता-पिता, भाई या बहन में से किसी को मधुमेह है
  • मेरा रक्त चाप १४० / ९० या इससे अधिक है 
  • गर्भ के समय मुझे मधुमेह हुआ था या मैंने कम से कम एक बच्चे को जन्म दिया है जिसका वजन किलो से अधिक था 
  • मेरा कोलेस्ट्रॉल सामान्य से अधिक है; HDL ३५ से कम और LDL २५० से अधिक है 
  • मैं सप्ताह में तीन बार से कम व्यायाम करता हूँ 
 ध्यान रहे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे Type 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ता रहता है।
मधुमेह से बचे रहने के लिए इसी समय ये छोटे कदम उठाएँ
1.    आपको मधुमेह होने का कितना जोखिम है इसकी जानकारी प्राप्त करें, यदि आपका वजन अधिक है तो आपको Type 2 मधुमेह होने की अधिक संभावना है। 
2.    यदि आपका वजन अधिक रहता है तो आपको Type 2 मधुमेह होने की अधिक संभावना है। केवल किलो वजन घटाने से ही आपका जोखिम कम हो जाता है। स्वस्थ भोजन खा कर और शरीर को अधिक सक्रिय करने से यह संभव है। 
3.    अधिक सक्रिय रहें, पैदल टहलने जाएँ, साइकल पर सैर करें, नृत्य करें या बच्चों के साथ गेंद खेलें। सप्ताह में न्यूनतम दिन ३० मिनट के लिए अपने शरीर को सक्रिय करें। 
4.    स्वस्थ भोजन खाएं। कम खाएं और हर बार कम मात्र में खाएं। फल, साग, सब्जी, शुद्ध अनाज, दाल-राजमा ज्यादा खाएं। चिकना भोजन एवं वसा (FAT) कम मात्र में खाएं। 
5.    अपनी हर दैनिक गतिविधि का लेखा जोखा रखें। 
6.    साप्ताहिक तौर पर अपने क्रिया-कलापों पर नजर रखें। 
 यदि आपको मधुमेह है तो उसके नियंत्रण के हेतु अपने चिकित्सक के साथ मिलकर योजना बनाएँ -
  • अपनी इंसुलिन अथवा दवाएं नियमित रूप से निर्देशानुसार लें। 
  • रक्त में ग्लूकोज की जांच करते रहें और उसका लेखा रखें। 
  • अपनी शारीरिक गतिविधि का ध्यान रखें। सप्ताहके अधिकतर दिन ३० से ६० मिनट तक शारीरिक व्यायाम करें। अधिक हलचल के लिए तेज चलना अच्छा उपाय है। 
  • अपनी मधुमेह आहार योजना का प्रयोग करें। फल और सब्जी, मछ्ली, वसा रहित माँस, सुखी मटर या सेम की फली, बिना वसा का दूध, साबुत अनाज जैसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन करें। आहार में वसा और नमक कम हो। अधिक चोकर ( रेशेवाली ) वस्तुएं खाएं।
  • तनाव का सामना करना सीखें, तनाव से आपका ग्लूकोज बढ़ सकता है। 
  • धूम्रपान बंद कर दें। 
  • यदि आप अच्छा महसूस करें तब भी दवाएं लेते रहें। 
  • प्रतिदिन अपने पैरों की जांच करें - कोई घाव, छाला, फफोला या सूजन हो तो अपने चिकित्सक को तुरंत बताएं। 
  • अपने दांतों को प्रतिदिन माँजें। 
  • अपने चिकित्सक को दृष्टि क्षमता में किसी भी परिवर्तन के बारे में सूचित करें। 
  • अपने चिकित्सक से लगातार संपर्क बनाए रखें एवं जब भी वे बुलाएँ हमेशा जाएँ।  
और अधिक जानकारी के लिए पढ़ें  मधुमेह भाग २